आखिर क्यों मनाते है रक्षा बंधन ?

क्यों मनाते है रक्षा बंधन ? 

रक्षाबंधन मनाए जाने के विषय में अनेक ऐतिहासिक तथ्य का वर्णन मिलता है। कहा जाता है कि देवराज इंद्र कई बार राक्षसों से हार होती रही । वह हर बार राक्षसों से देवताओं की हार से दुखी सा हो गए। इसके बाद इन्द्राणी ने कठोर तपस्या की और अपने तप के बल के फल स्वरूप रक्षा सूत्र तेयार किया। यह रक्षा सूत्र इन्द्राणी ने इन्द्र की हाथ के कलाई पर बांधकर विजय की कामना की । तप के बल स्वरूप मिली इस रक्षा सूत्र की दिव्य ताकत से इन्द्र राक्षसों को बुरी तरह हराने में सफल हुए। तभी से रक्षाबंधन शुरू हुई मानी जा रही हैं 




चित्तौड़ की महारानी रानी कर्मा वती का वर्णन।

चित्तौड़ की महारानी रानी कर्मा वती का वर्णन तो इस विषय में विशेष रूप से वर्णित है। कहा जाता है कि जब गुजरात के गवर्नर बहादुरशाह ने चित्तौड़ पर हमला किया तो महारानी कर्मा वती ने हुमायूं को रक्षासूत्र के रूप में रक्षा का पैगाम भेजी।भाई मानते हुए उनसे वीरांगनाओं के रक्षा की मांग की। हुमायूं यह रक्षा सूत्र और संदेश सुनकर भाभुक हो उठा और अपनी अनदेखी भावना के प्रति अपना कर्म देने के लिए तुरन्त अपनी विशाल सैन्य लेकर चित्तौड़ की ओर निकल गया लेकिन जब तक वह चित्तौड़ पहुंचते,तब तक चित्तौड़ और रानी कर्मा वती की कई वीरांगनाएं अपने धर्म की रक्षा हेतु अपने अंग को अग्नि में दे चुकी थीं।हुमायूं ने रानी कर्मावती की जोहर की अस्थि से अपने सर पर टीका लगाकर बहन के प्रति अपने धर्म को पूरा करने के लिए जो कुछ किया। वह इतिहास के पन्नों पर स्वर्ण अक्षर में दाखिल हो गया तथा इसके बाद रक्षा बंधन इतिहास में न बिसरने वाला अध्याय भी जुड़ गया। इस इतिहास की घटना के बाद परम्परा हो गई कि महिला या युवती किसी व्यक्ति को रक्षा सूत्र बादेगी है तो वह व्यक्ति उसका भाई के रूप में माना जायेगा।




रक्षाबंधन से इतिहास की कई बातें भी जुड़े हैं। भारतीय इतिहास ऐसे बातों से पूरा भरा पड़ा है,

कहा जाता है कि जब कोई राजा और योद्धा अपनी जान जोखिम में डालकर युद्ध के क्षैत्र में जाते थे तो उनके बहनें और वीरांगनाएं उनकी आरती उतारकर उनके हाथ के कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती और सर पर तिलक लगाती थीं।और उनसे राष्ट्र की रक्षा का वचन भी लेती थीं।

इसलिए राखी या रक्षा सूत्र हिन्दू धर्म में अपने बहन और वीरांगनाओं के प्रति धर्म की रक्षा तथा देश के प्रति रक्षा का प्रतीक भी माना जाता हैं।


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